आषाढ़ से चूका किसान और डाल से छूटा बंदर दोनों की स्थिति ख़राब ही होती है इसी प्रकार समय रहते मनुष्य यदि अपने नर भव को सफल बंनाने में चूक जाता है तो उसकी भी बुरी गत होती है।
आषाढ़ से चूका किसान और डाल से छूटा बंदर दोनों की स्थिति ख़राब ही होती है इसी प्रकार समय रहते मनुष्य यदि अपने नर भव को सफल बंनाने में चूक जाता है तो उसकी भी बुरी गत होती है।