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जैनधर्म, इनर इमोशन्स भावना योग - मुनिश्री १०८ प्रमाणसागर जी महाराज

censusforjain.com जैन जनगणना

परम श्रद्धेय गुरुवर आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी प्रवचन संग्रह

अपराजेय साधक संयम स्वर्ण महोत्सव आचार्य श्री विद्यासागर

जैनधर्म की प्राचीनता अनादिकाल से अनन्तकाल तक विद्यमान रहने वाला जैन धर्म है। जैनम जयतु शासनं, वन्दे विद्यासागरम _/\_

आचार्य-विद्यासागर-जी-द्वारा-हायकू-छन्द-और-आपकी-समझ

”सत्य” ”अहिंसा” धर्म हमारा, ”नवकार” हमारी शान है, ”महावीर” जैसा नायक पाया ”जैन हमारी पहचान है.” महावीर भगवान के 2617 जन्म कल्याण दिवस की शुभकामनाएँ एवं बधाई