रोगों से मुक्ति तभी होगी जब भोगों से मुक्ति की और कदम बढ़ाओगे । "आचार्य १०८ श्री विद्यासागर जी महाराज" on September 30, 2016
आत्मा का कल्याण तभी होता है बृक्ष की भांति दूसरों को छाया के साथ साथ आश्रय प्रदान करने की भावना होती है। " पूज्य आचार्य १०८ श्री विद्यासागर जी महाराज " on September 29, 2016
अपने दृष्टी कोण को बदलने से और सही दिशा में पुरुषार्थ करने से ज्ञान को भी सही दिशा मिलती है। " पूज्य आचार्य १०८ श्री विद्यासागर जी महाराज " on September 28, 2016
कर्तव्य में कोई शर्त नहीं होना चाहिये। - पूज्य आचार्य १०८ श्री विद्यासागरजी महाराज on September 27, 2016
जीवन में दुःख और सुख दोनों बराबर आते रहते हैं । "आचार्य १०८ श्री विद्यासागर जी महाराज " on September 26, 2016
भावुक न बनें बल्कि अपने बच्चों की भावनाओं को मजबूत बनाएं । पूज्य आचार्य १०८ श्री विद्यासागर जी महाराज जी on September 25, 2016
उस मन को ठन्डे बस्ते मे डाल दीजिये आचार्य १०८ श्री विद्यासागर जी महाराज जी "संक्षिप्त अमृत वाणी" on September 23, 2016
आप स्वयं ही सरकार बनकर सामाजिक ताने बाने को दुरुस्त करने का उपक्रम प्रारम्भ करें। on September 21, 2016
भारत ऐसा वटवृक्ष जिसकी जड़े बहुत गहरी हैं- आचार्य १०८ श्री विद्यासागर जी महाराज जी on September 21, 2016
चतुर्दशी पर पूज्य आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज ने कहा "मोक्ष मार्ग बहार कम भीतर ज्यादा है " on September 16, 2016