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तीर्थंकर जैनधर्म श्रमण संस्कृति केन्द्र महत्वपूर्ण तथ्य !

" पूजा " परम पूज्य आचार्य १०८ श्री विद्यासागर जी महाराज जी पूजा जिनवाणी पुत्र क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी भोपाल

जैन आगम् सर्वोपरि है। आगम निर्दोष है। यदि समझ न आए तो वह अपनी बुद्धि का दोष है ! जैनं जयतु शासनम्।

Time is the best healer भगवान पर भरोसा रखें, लेकिन भगवान भरोसे न रहे। -परम पूज्य आचार्य १०८ श्री विद्यासागर जी महाराज जी