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आचार्यश्री ने कहा कि मंदिर तो बहुत बन रहे है, बनते है, बनते रहेंगे है यह भी मंदिर बनेगा इसमे मूर्ति नही रहेगी लेकिन फिर भी वह मन्दिर रहेगा वह सरस्वती मन्दिर है।

मूकमाटी A Book Written By Jain Monk " Acharya Shri Vidyasagar Ji "

ऋद्धियाँ समीचीनता से आ जाती हैं