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महामन्त्र णमोकार अनादिनिधन मन्त्र अर्थात् यह अनादिकाल से है दु:ख में, सुख में, कदम-कदम पर णमोकार मन्त्र का जाप करना चाहिए।

जैन कर्म सिद्धांत के अनुसार, कर्म के आठ मुख्य प्रकार हैं घातिया और अघातिया

सम्पूर्ण जैन धर्म का सार

भावना योग

व्यक्ति से व्यक्ति को, समाज से समाज को अलग करने का प्रयास पागलपन है, सफल नहीं होगा, शिक्षा ही इसे रोकेगी