आप सभी ने जो प्रशिक्षण लिया है अब आप दूसरों को
सिखाएं। कुछ लोग स्वतंत्र भी इसे चलाएं तो दूसरों को भी जोड़ें। स्व के साथ पर का विकास भी दृष्टिगत रखना है। इसी प्रकार धाराप्रवाह आप काम करते रहें। अनेक प्रान्त, भाषा और विचारों में हम अपने दायित्व का निर्वाहन ठीक ढंग से अहिंसा धर्म का पालन करते हुए करें। अहिंसक तरीके से बस्त्रों का निर्माण हो सकता है ये आप दुनिया को बता सकते हो। कभी भी नर्वस नहीं होना एक दुसरे के सहयोग से इसे आगे बढ़ाना है। राष्ट्र के प्रति दायित्व भी आप अच्छे से पालन इस माध्यम से कर रहे हो। इस बीच कार्यकर्त्ता ने पुछा की कई बार मायूसी आती है तब गुरुवर ने कहा की अभ्यास करते करते ही अभ्यस्त हो सकते हैं। शुरुआत में ये काम भले ही सीमित लगे परंतु बिना अहिंसा के पालन के इस काम को बिराट रूप देने से कोई फायदा नहीं है। व्यसनों के कारण दुरूपयोग होता है परंतु आपको सदुपयोग करना है। समूह का अच्छा प्रभाव पड़ता है। जीवन में पराश्रित होकर आनंद नहीं लिया जा सकता स्वाश्रित होकर ही दुर्लभ बस्तु की प्राप्ति हो जाती है। यदि ग्रामों में सामान उपलब्ध कराएँगे तो एक नयी क्रांति आएगी लोग इस काम के प्रति आकर्षित होंगे। इस कार्य के साथ आप परिवार का कार्य भी देखें। पहले प्रशिक्षण को मजवूत बनाओ फिर कार्य को विस्तार दो।
एक कार्यकर्ता ने कहा कि मैं इसे स्वयं प्रारम्भ करना चाहता हूँ तब गुरुवर ने कहा कि पहले कुछ लोग तैयार करो फिर कार्य प्रारम्भ करो सफलता निश्चित मिलेगी। सामूहिक खोलें या व्यक्तिगत खोलें लेकिन दृढ निश्चय करना होगा। तीर्थों पर केंद्र खोलने में आसानी होती है शहर में यदि स्थान सुलभ है तो खोलने का कार्य करना चाहिए। आप कहीं भी इसे स्थापित करें धर्म के अनुसार सिद्धांतों के अनुसार करें। समस्याएं आएँगी परंतु दृढ आत्मशक्ति रखेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी। मुनाफा अनुपात में रखेंगे तो आपुर्ति भी अधिक होगी। आज राष्ट्र को आप सभी युवाओं की जरूरत है इसलिए राष्ट्र के लिए हुनर बाले काम सीखना जरूरी है।
एक कार्यकर्त्ता ने कहा कि मेने उच्च शिक्षा प्राप्त की है लोग कहते हैं ये क्या काम कर रहे हो। गुरुवर ने कहा की कई शिक्षित लोग ऋणी हो गए हैं परंतु आप इस कार्य से अपने हुनर को सिद्ध करके दिखाओ कहने बाले आपको फिर शाबाशी और साधुबाद देंगे।
हथकरघा प्रशिक्षण केंद्र के प्रमुख कार्यकर्त्ता इंजीनियर अमित जैन अशोक नगर ने बताया कि देश में अभी गुरुवर की प्रेरणा से 11 केंद्र कायर्रत हैं जिनमें लगभग 450 कार्यकर्ता प्रक्षिक्षण ले रहे हैं जिनमें अधिकतर उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं या कर चुके हैं और शीर्घ ही और केंद्रों का विस्तार भी किया जायेगा।
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इंडिया हटाओ, भारत लाओ। – आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज जी
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