अहिंसा से ही इस देश की पृगति संभव है "सम्पूर्ण देश अहिंसा धर्म को पहचानेगा, और जानेगा एवं आने वाले समय में शाकाहार को अपनायेगा"
#acharyVidyasagarji
आचार्य श्री के डोंगरगढ या अमरकण्टक जाने की सम्भावना
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हम सब ने ध्वजारोहण कर ध्वज को ऊंचाई तक तो पहुँचाया है, अब उसे हवा देने का काम भी हमे ही करना होगा उपरोक्त उदगार संत शिरोमणी आचार्य गुरूवर विद्यासागर जी महाराज ने जवलपुर के पास वरेला में प़वचन सभा में कहे,उन्होंने कहा कि अहिंसा से ही इस देश की पृगति संभव है, *आवश्यकता है कि उनके दिए गए वचनों को उन्हें याद दिलाएं!!!एवं अहिंसा धर्म की प्रभावना करें
आचार्य श्री ने कहा कि यदि कोई देश हिंसा से स्वयं का उत्थान एवं विकाश की राह देख रहा है तो यह उसकी मूर्खता है । हिंसा से सिर्फ उसका पूर्ण रूप से पतन ही होना है, अंत में मुस्कुराते हुए विजयी दल कोआशीर्वाद देते हुये गुरुदेव ने कहा कि अब "सम्पूर्ण देश अहिंसा धर्म को पहचानेगा, और जानेगा एवं आने वाले समय में शाकाहार को अपनायेगा" उपरोक्त जानकारी दयोदय महासंघ की ओर से पृवक्ता एवं प़चार मंत्री अविनाश जैन ने वताया पूज्य गुरूदेव हालांकि कभी भी किसी भी राजनैतिक दलों की जीत हार पर प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करते, लेकिन जव जीवदया की वात हो और हिंसा मुक्त भारत के निर्माण की वात हो तो उनके चहरे की चमक देखते ही वनती है !
अपना देश अपनी भाषा
इंडिया हटाओ, भारत लाओ। – आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज जी
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