मोह से बड़ा कोई नशा नहीं होता है ! - परम पूज्य आचार्य १०८ श्री विद्यासागर जी महाराज

"अमृत वाणी" 

गुरुवर परम पूज्य आचार्य १०८ श्री विद्यासागर जी महाराज जी ने कहा कि सम्यक दर्शन की भूमिका में परिणामों की स्थिति बदलती है। नारकीय जीवन बहुत ही बदतर होता है, फिर भी सम्यक दर्शन की स्थिति बन जाती है। नार्कियों की अपेक्षा हमें अपनी स्थिति वेहतर बनाना है इसलिए उनके जीवन के बारे में जानना जरूरी है। प्रधानमंत्री का जीवन भी बहुत ही अनुशासन से बंधा होता है उन्हें आहार विहार और व्यवहार का ध्यान रखना पड़ता है। 

      उन्होंने कहा कि सब अपनी वेदनाओं को लेकर व्यथित हो जाते हैं परंतु जब नारकीय जीवन को जानेंगे तो शायद अपनी व्यथा आपको छोटी लगने लगेगी। नरक की वेदनाओं को शब्दों में नहीं कहा जा सकता है क्योंकि वहा पल पल पर पीड़ाएं होती हैं उधर मृत्यु का भी प्राबधान नहीं होता बल्कि 33 हजार सागर की समय अबधि तक सब सहना पड़ता है जबकि आप स्वछन्द हो, स्वतंत्र हो इसलिए दूसरों पर हंस रहे हो, अपनी मनमानी कर रहे हो। नरक में पछतावा होता है, अपने किये की क्षमा मांगता है जीव। सम्यक दर्शन के लिए, धर्म के लिए तरसता है। आपको धर्म मिला है, सम्यक दर्शन का रास्ता मिलता है फिर भी परिणामों को प्रदुषण से नहीं बचा पा रहे हो जबकि नरक में जब भावना में गलतियों का एहसास होता है तो सम्यक दर्शन की भूमिका बनना प्रारम्भ हो जाती है। 

     उन्होंने कहा कि दुनिया में मोह से बड़ा कोई नशा नहीं होता है जो विद्वानों द्वारा भी नहीं उतरता, जबकि अधयातम में सुगंध है,सुरभि है, महक है परंतु मोह के नशे में अध्यात्म की सुगंध भी आप तक नहीं पहुच पा रही है। जब तक आपके भीतर के परिणाम शुद्ध नहीं हो सकते मैं भी आपके परिणामों की विशुद्धि में कारण नहीं बन पाउँगा। अपने कर्मो को स्वयं सुधारो और कर्तव्य का पालन तुलना से रहित होकर करें।

      गुरुवर की आहारचर्या का सौभाग्य अनिल जैन CA पदमनाभ नगर, प्रोफ़ेसर राकेश जैन, पंकज विनायका, कैलाश पाटनी के परिवार को प्राप्त हुआ। (शिवपुरी के 1100 श्रावकों ने आचार्यश्री को श्रीफल भेंट किये।)
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15-16 अक्टूबर शरद पूर्णिमा को भोपाल में होगा "मूक-माटी " पर मंथन

【राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश विदेश के अनेक विद्वान् करेंगे इस महाकाव्य पर अपने "मन की बात"】

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"अध्यात्म शिरोमणि संत की शरण में होंगे राजनैतिक संत नरेंद्र मोदी"
(प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 अक्टूबर को आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज का प्राप्त करेंगे आशीष)
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भोपाल। देश के सबसे बड़े जैनाचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के दर्शन हेतु दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र देश भारत वर्ष के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार 14 अक्टूबर को श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर हबीबगंज में शाम 5.35 बजे पधारेंगे।
     ये दुसरा मौका है जब देश का कोई प्रधानमंत्री आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के दर्शन और मार्गदर्शन के लिए उनके समक्ष उपस्थित हो रहा है। इससे पूर्व 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल विहारी वाजपई ने गोम्मट गिरी इंदौर पहुंचकर पूज्य गुरुदेव के दर्शन किये थे।
      सूत्रों के अनुसार श्री नरेंद्र मोदी 14 अक्टूबर को शाम 5.35 बजे जैन मंदिर हबीबगंज पहुंचेंगे जहां समाज के वरिष्टजन और चातुर्मास समिति के सदस्यगण उनका आत्मीय अभिनन्दन और सम्मान करेंगे। तत्पश्चात श्री मोदी जी आचार्य श्री के कक्ष में जाकर उनका आशीर्वाद ग्रहण कर अनेक राष्ट्रीय मुद्दों पर गुरुवर से वार्तालाप कर उनका मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे। 
    इस अवसर पर गुरुदेव कौशल विकास, भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था, मूल्यपरक शिक्षा नीति, स्वदेशी और स्वाबलंबी रोजगार नीति, गौधन संरक्षण,पर्यावरण सुधार और सशक्त भारत के नवनिर्माण जैंसे राष्ट्रहित और जनहित के संवेदनशील मुद्दों पर अपना मार्गदर्शन श्री मोदी जी को प्रदान करेंगे। संभवत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर श्री मोदी आचार्य श्री का आशीर्वाद और मार्गदर्शन अवश्य प्राप्त करेंगे।
     भारत राष्ट्र की ये प्राचीन परम्परा रही है जब राजतंत्र था तब राजा ऋषि मुनियों की शरण में जाकर अपने राजधर्म का निर्वाहन करने के लिए मार्गदर्शन प्राप्त करते थे।
      जहां मोदी जी के लिए आचार्य श्री का दर्शन और मार्गदर्शन प्राप्त करना गौरव के क्षण होंगे वहीं जैन समाज के लिए भी ये ऐतिहासिक पल गौरवान्वित करने वाले होंगे।
    इस मौके पर संभवत प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान, केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रिकर और प्रदेश के वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया भी श्री मोदी जी के साथ होंगे।

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इंडिया हटाओ, भारत लाओ। – आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज जी


शब्द संचयन 
पंकज प्रधान  

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